मुझे जो पसंद आता मैं ख़रीद लिया करता था, यकीन था कुछ जज़्बात बिकाऊ नहीं होते।। उस दिन वो भी टूट गया, जब मोहब्बत को बिकते हुए देखा।। हालात को कैसे गुनहगार कहता, हमारे लिए तो मुक्कमल इश्क की, परिभाषा ही कुछ और थी।। चलो इल्म हुआ देर से ही सही, जज़्बात की कदर नहीं इस ज़माने को।। मोटी जेब देख कर लोग साथी बदल रहे हैं।। #Deep_Thought #Dedicated_Thought #Undefined_Rainbow #Untold_memories. ©Alok P Gaurav #Rose A.sahu🖋️ 📒 #Deep_Thought #Dedicated_Thought #Undefined_Rainbow #Untold_memories.