अभी ये तय होना बाकी है क़ि कविता ने जनमाया कवि को या. कवि ने ही कविता को जनमाया था. प्रेम की असफलताओं ने ही शायद प्रेम कविताओं को जन्म दिया था या फिर अन्याय क़े खिलाफ ज़ब संघर्ष ने बिगुल बज़ाया तो.. आग उगलती कविता ने जन्म पाया था.... और ज़ब कभी रिश्तों मे उग्रता और बंटवारे का दौर चला तो नैतिक कविताओं ने जन्म पाया था हर बार कविताओं ने अपने आस पास क़े दुर्लभ और सुलभ विषयों को उठाया तो वो कविता हीथीं जिसने कवि को जनमाया था ©Parasram Arora कवि और कविता.......