अपनी हर रचना को किसिके नाम में करता हूं। दिल की बात करने में देर ना हो जाए डरता हूं। बड़ा फर्क होता हैं बहादुर होने और समझदार होने में... बस एक लम्हें का फर्क होता हैं मुस्कुराने में और 'महामारी' में रोने में... सतर्क रहें सुरक्षित रहें... खुद भी समझें सबको कहें...