न सड़क न बाजार बस वहीं आशियाना होता है, हम सिविल इंजीनियरों का बस यहीं ठिकाना होता है। बेजान से माहौल में हम रौनक लाते हैं, या यूँ कहो उजड़े चमन को उपवन बनाते हैं I फिर सजने लगती हैं बाजारे तों अद्भुत नजारा होता है, फिर हो जाते हैं हम रवाना जैसे सफर पर बंजारा होता है। #शून्य #सिविल_इंजीनियर #निर्माणकर्ता #योरकोट_दीदी #योरकोट_हिंदी #अभियंता_का_दर्द #योरकोटजिंदगी बस यूँ ही । सिविल इंजीनियरों की जिंदगी । तस्वीर श्रोत - गूगल