White इंसाफ के ताराजू का पलड़ा कभी इधर झुका कभी उधर झुक रहा. यहां तों इंसाफ देने वाला हर मुंसिफ लुटेरा हैँ कहते हैँ आज भी लोग चोर चोर मोसरे भाई यहां कोई किसी का नही कोई तेरा हैँ न कोई मेरा हैँ ©Parasram Arora इन्साफ का तराजू