Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम्हारा यूँ जिंदगी में आ जाना इत्तेफाक़ ही तो थ

तुम्हारा यूँ  जिंदगी में आ जाना 
इत्तेफाक़ ही तो था .....
तुम्हारा यूँ मुझसे टकरा जाना 
इत्तेफाक़ ही तो था ....
 हर बात में पसंद एक सी होना
इत्तेफाक़ ही तो था....
बाँतों बाँतों में हँसाना और रुलाना 
इत्तेफाक़ ही तो था....
रोज़ मुलाकातों  की हसीं महफ़िल सजाना 
इत्तेफाक़ ही तो था.....
वक्त का रेत सा मेरे हाथों से छूटते जाना
इत्तेफाक़ ही तो था....
जिस्म को बिन छुए तुम्हारा रूह में उतर जाना
इत्तेफाक़ ही तो था ....
अगले जनम में खुदा से तुम को माँगना 
इत्तेफाक़ ही तो था ....
नाराज़गी पर दिलों का फूल सा मुरझाना 
इत्तेफाक़ ही तो था .….
हाँ ,,एक इत्तेफाक़ ही था 
मगर क्या हसीन इत्तेफाक़ था ...!!!

©Raj Alok Anand
  #इत्तेफ़ाक़