गीत (होली) होली को मस्ती में,मस्तानी बना दो। बूढ़ो में कभी आई वो,जवानी बना दो? रंगीन हो जाऊँ मैं,रंगों के साथ मे। मुझ पर कोई ऐसी,निशानी बना दो? गालों पर मेरे भी,तुम रंग लगा दो। बहक जाऊँ,तुम मुझे भंग पिला दो। भीग जाऊँगा मैं,पानी के बिना ही। आंखों से मुझ पर,पिचकारी चला दो। गली तुम्हारी आया हूँ,एहसान जता दो। आओ बाहर घर से,सुरत तो दिखा दो। मौका कहाँ मिलता है,रोज मिलने का? होली मिलन बहाना,गले तो लगा लो।। मुकेश गोगडे ©kavi mukesh gogdey गीत (होली) #Holi