अब हमारा है नहीं दूसरा नजरिया: वो शहर का चांद है मगर मेरे आंखो का तारा अब है नहीं उसके बिना जीने का कोई चारा भी नहीं मै इतना बेचारा भी हूं नहीं दिल तोड़ने की, तूझे सजा हुई नहीं मगर तुझ सा कोई मासूम हत्यारा है नहीं तुम्हे ये पढ़ के लग तो रहा होगा मगर तुम्हारी ओर मेरा इशारा है नहीं अब तुझे सोचना भी क्यो जो तू अब हमारा है नहीं तू है नहीं