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भौंहें तनी, नयन बादलों की गहराई मापकर , टल जाये य

भौंहें तनी, नयन बादलों की गहराई मापकर , 
टल जाये यह वर्षा, यही ईश्वर से मना रही थी। 
यह मूसलाधार बारिश उग्र होकर, 
बहा ना दे उनकी कुटिया, इसकी चिंता भी उन्हें खाये जा रही थी।। 

भीषण गर्जन कर, बिजली की जाल से मुक्त होकर, 
आख़िरकार, बारिश नहीं हुई  थी। 
अपनी आभासी लड़ाई का जश्न मुग्ध होकर, 
मंदिरों, राजप्रासादों से दूर, खलिहानों में रहने वाली देवों की टोली मना रही थी।। 

          -- कृष्ण कांत कुमार #Success
#Nature♥️ 
#villagetales
भौंहें तनी, नयन बादलों की गहराई मापकर , 
टल जाये यह वर्षा, यही ईश्वर से मना रही थी। 
यह मूसलाधार बारिश उग्र होकर, 
बहा ना दे उनकी कुटिया, इसकी चिंता भी उन्हें खाये जा रही थी।। 

भीषण गर्जन कर, बिजली की जाल से मुक्त होकर, 
आख़िरकार, बारिश नहीं हुई  थी। 
अपनी आभासी लड़ाई का जश्न मुग्ध होकर, 
मंदिरों, राजप्रासादों से दूर, खलिहानों में रहने वाली देवों की टोली मना रही थी।। 

          -- कृष्ण कांत कुमार #Success
#Nature♥️ 
#villagetales