लोग अक्सर पूछते है,बिना देखे हाले दिल केसे सुनते हो। हमने कहा,रूह जो दिल में हो तो देखने की क्या जरूरत हो। बात कभी मिलने या देखने की नही है... बस जो दिल को भाए वो ख्वाब भी सही है..