ऐसे धीमे धीमे टिमटिमाते टिमटिमाते जीना क्यों? भभक कर दोनों ओर से जले मशाल. उसको ही बुद्ध जीवन कहते हैl..... तब हमारेजीवन में एक क्रांति घटित होती है... जीवन की लम्बाई समाप्त हो जातीहै. गहराई शुरू होती है फिर हम एक लहर से दूसरी लहर पर नही जाते एक लहर से सीधे सागर की गहराई में जाते हैँ ओशो ©Parasram Arora लम्बाई नही गहराई.....