ये जो दबी दबी सी मुस्कुराहट है इसको खुल के निकलने दो, को अरमान दिल में हैं तुम्हारे उन्हें लफ्जों में बदलने दो। मैं तो खो चुका हूं तुम्हारी आंखों की गहराइयों में, लोग मुझे पागल समझते हैं तो समझने दो। रहना चाहता हूं इन जुल्फों की मदमस्त बहारों में हमेशा, जहां से तुम्हारी खिलखिलाहट बहुत नजदीक से महसूस कर पाऊंगा, अब इसे कोई फिजूल की बात समझता है तो समझने दो। यूं तो तारीफ बहुत से लोगों ने की होगी तुम्हारी, पर मेरी शायरी को दिमाग को नहीं दिल को समझने दो। लिखने की कोशिश करता हूं जब भी तुम्हारे बारे में लफ्ज़ खत्म हो जातें हैं, अब कोई इसे मेरी बहानेबाजी समझता है तो समझने दो । ©Prashant kumar #taarif #Beautiful #love #dosti #pyar #nojohindi