ये चिड़िया भी कितनी अजीब है, बिल्कुल मेरी बेटी की तरह, सुबह हुई नहीं और चिल्लाने लगती है, कितनी देर तक सो रहे हो, चलो उठो दूध लाओ भूख लगी है, बिल्कुल मेरी बेटी की तरह। फिर उस चिडिया को देखकर लगता है ये एक दिन उड़ जायेगी मैं सौंप दूँगा किसी के हाथों में, आँखों में आँसू लिए, ये कहकर इसका ख्याल रखना, ये नादान है कोई गलती हो जाए तो,,,,,,,,,,,,,,, ©Rajesh rajak मेरे आँगन की चिड़िया