पल्लव की डायरी बह गये कितने,शक्ति सामन्तो की कौड़ी में कलमो को गिरवी रख दिया,उनके चरणों मे कायरता के सब नमूने बन गये जय जय कार, चेनलो अखबारों में करते है चंद विज्ञापनो की खातिर हकीकत रखने से डरते है साहस रवीश का देखो,सब के दिलो में बसता है सब कुछ दाँव पर लगा दिया लेकिन जनता में धुर्व तारा बन कर चमकता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #ravishkumar रवीश को देखो,जनता में धुर्व तारा बनकर चमकता है