सफर बस चलता रहे,, खिड़की से सर तुम्हारा यूँ ही,, निकला रहे इस तरह,, लहराते जाएँ बाल तुम्हारे,, हवा बहती जिस तरह" "लटों पर हाथ फिराकर फिर,, मैं सुलझाऊँ तुम्हारी जुल्फों को,, आती रहे फिर गालों पर,, जो पीछे ले जाऊँ मैं उनको" "उन गालों पर हाथ टिकाकर के तुम देखो कभी नज़ारों को,, पंछियों को,दरख्तों को,, नदियों के किनारों को" "थामकर फिर हाथों को,, कुछ बातें हम करें,, खत्म ना हो रस्ता कभी,, बस यूँ ही संग चलें" "आवाज़ की खिलखिलाहट तुम्हारी,, कानों मैं पड़ती जाए,, नैनों की शरारतें भी ,, बस यूँ ही बढ़ती जाए" "कोई ना फिर फिक्र रहे, बस हमारा जिक्र रहे,, इंतज़ार नहीं हो मंज़िल का,, धीरे-2 बढ़ता रहे,, सफर बस चलता रहे" #road, #सफर, #couple, #इश्क, #कविता Ruma Gupta Jaidev Guru Shana Chen Balakrishna निखिल सैन "संगम"