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रात भर जागता हूँ एक ऐसे शख़्स के ख़ातिर, जो ख़्वाब

रात भर जागता हूँ एक ऐसे शख़्स के ख़ातिर,
जो ख़्वाबों में भी मुझे अपना नज़र नहीं आता।
दिल की हर धड़कन में बस उसी का ज़िक्र है,
मगर उसकी ख़ामोशी मुझे समझ नहीं आता।

©UNCLE彡RAVAN #ArabianNight
रात भर जागता हूँ एक ऐसे शख़्स के ख़ातिर,
जो ख़्वाबों में भी मुझे अपना नज़र नहीं आता।
दिल की हर धड़कन में बस उसी का ज़िक्र है,
मगर उसकी ख़ामोशी मुझे समझ नहीं आता।

©UNCLE彡RAVAN #ArabianNight