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मुझसे अलग तुम्हारी कोई पहचान नहीं ©Vibha Pathak म

मुझसे अलग तुम्हारी कोई पहचान नहीं

©Vibha Pathak मेरी दुनियां में जैसे मैं चाहूंगा तुम्हें वैसे ही रहना पड़ेगा। मुझसे अलग तुम्हारी कोई पहचान नहीं। 
मेरे कारनामों पर सोचोगी और मुझे रोकोगी तो पागल घोषित करवा दूंगा।। सारी उम्र पागलखाने में बंद पड़ी रहना। पागलखाने नहीं भिजवा पाया तो तुम्हारे घर में ही ऐसी स्थितियां बना दूंगा कि तुम्हें खुद अपनी जिंदगी व्यर्थ लगने लगेंगी।।

आत्महत्या करोगी तो दुनियां से कह दूंगा चरित्रहीन थी।।
नही करोगी तो मुझे हत्या करनी या करवानी पड़ेगी।। 
पकड़ा गया तो कहूंगा तुम्हारा कई मर्दों से नजायज संबंध थे, मैंने तुम दोनो को आपत्ति जनक स्थिति में देखा तो तुम्हारी हत्या कर दी।।  और मैं बच जाऊंगा।। 
तुम मेरी नहीं तो तुम्हें किसी ओर का कैसे होने दूंगा।।
मुझसे अलग तुम्हारी कोई पहचान नहीं

©Vibha Pathak मेरी दुनियां में जैसे मैं चाहूंगा तुम्हें वैसे ही रहना पड़ेगा। मुझसे अलग तुम्हारी कोई पहचान नहीं। 
मेरे कारनामों पर सोचोगी और मुझे रोकोगी तो पागल घोषित करवा दूंगा।। सारी उम्र पागलखाने में बंद पड़ी रहना। पागलखाने नहीं भिजवा पाया तो तुम्हारे घर में ही ऐसी स्थितियां बना दूंगा कि तुम्हें खुद अपनी जिंदगी व्यर्थ लगने लगेंगी।।

आत्महत्या करोगी तो दुनियां से कह दूंगा चरित्रहीन थी।।
नही करोगी तो मुझे हत्या करनी या करवानी पड़ेगी।। 
पकड़ा गया तो कहूंगा तुम्हारा कई मर्दों से नजायज संबंध थे, मैंने तुम दोनो को आपत्ति जनक स्थिति में देखा तो तुम्हारी हत्या कर दी।।  और मैं बच जाऊंगा।। 
तुम मेरी नहीं तो तुम्हें किसी ओर का कैसे होने दूंगा।।
vibhapathak1820

Vibha Pathak

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