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पल्लव की डायरी सूरज और चाँद का आना जाना जिंदगी के

पल्लव की डायरी
सूरज और चाँद का आना जाना
जिंदगी के दिन कम हो जाना ही है
हजार झंझटों को पालकर
शान्ती और आनंद गवाना है
चिर स्थायी ना रहा किसी का ठिकाना
बे मतलब में, अकुलाना है
अकूत दौलते जोड़ी जिसने
उसको भी श्मशानों में
मुठ्ठी भर राखो में मिल जाना है
रात और दिन आते जाते 
इन्ही में एक दिन जन्म
और एक दिन प्राण गवाना है
                                 प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #Twowords 
मुठ्ठी भर राखो में मिल जाना है
#Twowords
पल्लव की डायरी
सूरज और चाँद का आना जाना
जिंदगी के दिन कम हो जाना ही है
हजार झंझटों को पालकर
शान्ती और आनंद गवाना है
चिर स्थायी ना रहा किसी का ठिकाना
बे मतलब में, अकुलाना है
अकूत दौलते जोड़ी जिसने
उसको भी श्मशानों में
मुठ्ठी भर राखो में मिल जाना है
रात और दिन आते जाते 
इन्ही में एक दिन जन्म
और एक दिन प्राण गवाना है
                                 प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #Twowords 
मुठ्ठी भर राखो में मिल जाना है
#Twowords