रिस्ता हैँ हर रंगों का हर रंग सा छा जाता हैं.. दो दिलों का मेल हैं ये हर भर प्यार बरसाता हैं.. कभी होती हैं खुशी तो कभी होती हैं उदासी हर पल में ना जाने क्या क्या दिखाता हैं.. खुशिओं से भरा हैं ये रिस्ता सबको अपनी याद दिलाता हैं.. संग हैं तो सब अपने हैं ये कौन समझ पाता हैं दिलों से बना हैं ये रिस्ता ये रिश्ता क्या केहलाता हैं !! ©विपिन _पुजारी ये रिश्ता क्या केहलाता हैं