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" ये फ़ैज़ तेरी हैं एहसास लिये बैठे हैं , मुख्तलिफ

" ये फ़ैज़ तेरी हैं एहसास लिये बैठे हैं ,
मुख्तलिफ बातों में अब तेरी बातें लिये बैठे हैं ,
गुंजाइश कुछ भी हो आज नहीं तो कल मुकम्मल हो जायेंगी कुछ ना कुछ ,
जाने ये दुआ कब काम आयेगी एसे में तेरे इश्क मुहब्बत का सजदा करने बैठे हैं ." 

                         ‌--- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram
  " ये फ़ैज़ तेरी हैं एहसास लिये बैठे हैं ,
मुख्तलिफ बातों में अब तेरी बातें लिये बैठे हैं ,
गुंजाइश कुछ भी हो आज नहीं तो कल मुकम्मल हो जायेंगी कुछ ना कुछ ,
जाने ये दुआ कब काम आयेगी एसे में तेरे इश्क मुहब्बत का सजदा करने बैठे हैं ." 

                         ‌--- रबिन्द्र राम 

#फ़ैज़  #मुख्तलिफ #गुंजाइश  #मुकम्मल #दुआ #इश्क #मुहब्बत #सजदा

" ये फ़ैज़ तेरी हैं एहसास लिये बैठे हैं , मुख्तलिफ बातों में अब तेरी बातें लिये बैठे हैं , गुंजाइश कुछ भी हो आज नहीं तो कल मुकम्मल हो जायेंगी कुछ ना कुछ , जाने ये दुआ कब काम आयेगी एसे में तेरे इश्क मुहब्बत का सजदा करने बैठे हैं ." ‌--- रबिन्द्र राम #फ़ैज़ #मुख्तलिफ #गुंजाइश #मुकम्मल #दुआ #इश्क #मुहब्बत #सजदा #शायरी

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