किसी ने ये रहस्य मुझे बताया भी था कि हमारी आत्माये हमारे भीतर भौतिक न होकर निराकार और आवरण हीन पृष्ठ भूमि मे खुदको छुपा कर हमारे साथ रहती है ये भी सुनेने मे आया था कि ये आत्माये अपनी निराकार देह को या यों कहे कि अपनी नग्न देह को ढकने के लि हवाओ से बने वस्त्रो का भी.इस्तेमाल करती है lकाश सिर्फ एक बार मैं उसकी नग्न आकृति को हवाओं के वस्त्र. पहने हुए देख पाता और उसे अपने केमरे में कैद कर लेने मे कामयाब हो जाता तों वो शायद मेरी पहचान की पसंदीदा तस्वीर बन सकती थी और दुनिया के लिये एक अमूल्य कृति भी l ©Parasram Arora अमूल्य कृति