बरस रहा है मेघ कभी हौले कभी वेग सावन की छटा निराली चहुं ओर बस हरियाली प्रकृति का हम पे उपकार करती जो वर्षा फुहार सृष्टि का ये श्रृंगार प्रभु कृपा का आधार जीवन के सूखे भी छट जायेगे थोड़ा बारिश का इंतजार करो गर बादल जीवन पे छाए हो क्या पता तुम पे बरसने आए हो बरस रहा है मेघ, कभी हौले कभी वेग ©Rajesh Sharma #bestfrnds बरस रहा है मेघ