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क्या बदला कुछ नहीं लहजा बदला??? जी नहीं । वक्त ने

क्या बदला कुछ नहीं
लहजा बदला???
जी नहीं ।
वक्त ने ली बस करवट
और कह दिया नया साल आ गया
यहाँ तो जैसे फटे हाल थे
वैसे ही हैं
जो सवाल कल गुंजन करते थे
वही आज सर” उठाये ड़े हैं।
ना खाना बनाने के लिए ही
एक दिन की छुट्टी मिली,
ना बर्तन धोने की प्रथा से ही
मुक्ती मिली।
कल दादी बर्तन धुलाती थीं
फिर खाना परोसती थी।
उसके बाद भाभी खाना परोस कर ही बर्तन निकाल देती थीं।
आज मम्मी भी वही करती हैं।
खाना तो खिला देती हैं फिर
बर्तन खाली कर देती हैं।
यही चलता रहेगा शायद!!
अभी मायके में फिर ससुराल में भी…
मैं महरिन थी, हूँ और रहूँगी।
यहाँ धोती हूँ सबके जूठे बर्तन
ससुराल में भी धोऊँगी….।।
नये साल का स्वागत मुझ कामवाली के साथ
नये साल का स्वागत बर्तन धोने के साथ।।।

©#काव्यार्पण
  नए साल की शुरूआत 😜😜😜
#बर्तन
#kavyarpan #poetry #motivational #Comdey 


#Path  Hardik Mahajan #शुन्य राणा Raja Kumar

नए साल की शुरूआत 😜😜😜 #बर्तन #Kavyarpan #Poetry #Motivational #Comdey #Path Hardik Mahajan #शुन्य राणा @Raja Kumar

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