न बड़ा न ही छोटा रहिए ... मनुष्य हैं मनुष्य ही रहिए ... सदा नपा तुला ही कहिए ... इसकी बात उसे न कहिए ... सदैव अपनी हद में रहिए ... सह सकें उतना ही सहिए ... अफ़वाहों से दूर ही रहिए ... तेरा और मेरा मत कहिए ... देखिए सब, सब न कहिए ... झूठी बात कभी न कहिए ... सच की चादर ओढ़े रहिए ... बस अपनी धारा में बहिए ... © Ashok Mukherjee #poetry #hindi