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न बड़ा न ही छोटा रहिए ... मनुष्य हैं मनुष्य ही रहि

न बड़ा न ही छोटा रहिए ...
मनुष्य हैं मनुष्य ही रहिए ...
सदा नपा तुला ही कहिए ...
इसकी बात उसे न कहिए ...
सदैव अपनी हद में रहिए ...
सह सकें उतना ही सहिए ...
अफ़वाहों से दूर ही रहिए ...
तेरा और मेरा मत कहिए ...
देखिए सब, सब न कहिए ...
झूठी बात कभी न कहिए ...
सच की चादर ओढ़े रहिए ...
बस अपनी धारा में बहिए ...
© Ashok Mukherjee #poetry #hindi
न बड़ा न ही छोटा रहिए ...
मनुष्य हैं मनुष्य ही रहिए ...
सदा नपा तुला ही कहिए ...
इसकी बात उसे न कहिए ...
सदैव अपनी हद में रहिए ...
सह सकें उतना ही सहिए ...
अफ़वाहों से दूर ही रहिए ...
तेरा और मेरा मत कहिए ...
देखिए सब, सब न कहिए ...
झूठी बात कभी न कहिए ...
सच की चादर ओढ़े रहिए ...
बस अपनी धारा में बहिए ...
© Ashok Mukherjee #poetry #hindi