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आसमान में अगड़ित तारे झूम रहे हैं खुशी के मारे जगम

आसमान में अगड़ित तारे
झूम रहे हैं खुशी के मारे
जगमग जगमग प्यारे प्यारे
कभी न थकते कभी न हारे

बादल आते ही छुप जाते
हटते ही फिर से मुस्काते
अपने पथ पर अडिग सदा वे
कभी न मुश्किल से घबराते

हम गिनते गिनते थक जाते
संध्या से लेकर भिंसारे

कभी न थकते कभी न रुकते
आजीवन वे कभी न झुकते
आंधी तुफा डर करके
दीपशिखा सा कभी न बुझते 

राह अनेकों हमें दिखाते
जब हम भटके करें इशारे

©Sunil Kumar Maurya Bekhud
  # तारे

# तारे #कविता

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