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वक़्त के हाथों बिकी इंतज़ार तुम्हारा कर रही। बेबसी ह

वक़्त के हाथों बिकी इंतज़ार तुम्हारा कर रही।
बेबसी है लाचारी पर ऐतबार तुम्हारा कर रही।

©दीपा साहू "प्रकृति"
  तुम न मिलोगे तो ज़िंदा होकर ज़िंदा मर जायेंगे
ज़िंदा लाश की चलती साँसें अपनों को बटवाएँगे।
खुशियों में शामिल होंगे उनके मुस्कुराकर,यू भी,
पर दिल की मुस्कुराहट तेरी मुट्ठी में छिपाएँगे।
फूल शबनम की लड़ियों से सजी हर सुबह,
हर चमकते मोती में तुम्हें ही ढूंढते पाएंगे।
छुपकर जब याद आएगी तुम्हारी बिन तुम्हारें
तकिए के नीचे हर आँसू हम छिपाएँगे

तुम न मिलोगे तो ज़िंदा होकर ज़िंदा मर जायेंगे ज़िंदा लाश की चलती साँसें अपनों को बटवाएँगे। खुशियों में शामिल होंगे उनके मुस्कुराकर,यू भी, पर दिल की मुस्कुराहट तेरी मुट्ठी में छिपाएँगे। फूल शबनम की लड़ियों से सजी हर सुबह, हर चमकते मोती में तुम्हें ही ढूंढते पाएंगे। छुपकर जब याद आएगी तुम्हारी बिन तुम्हारें तकिए के नीचे हर आँसू हम छिपाएँगे #Poetry #writer #raipur #CG #Prakriti_ #deepliner #dipa_sahu_prakriti  #afsana_dip_s_15

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