लबों को कबसे सीलाये हूँ बैठा अल्फाज भी मुझसे जैसे है रूठा तुम ही लबकुशाई कि इनायत दे दो तुझसे इश्क़ करने की इजाजत दे दो। #बन्धु_उवाच इजाजत दे दो