हरी भरी सुंदर वादियाँ तैरते हुए सफ़ेद बादल थमती बरसती बरसात बालकनी में झूलती बूँदे सीली सीली ये हवाऐं पंछियों का कोलाहल वाह कितनी सुहानी है ठहरी सी मसूरी की भोर #travelpoetry