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पल्लव की डायरी हौसला रख मंजर भी बदलेगा तेरे ना होन

पल्लव की डायरी
हौसला रख मंजर भी बदलेगा
तेरे ना होने से जमाना ना बदलेगा
सुना है चोट खाकर लोग
हद से बहार हो जाते है
सौ सौ उबाल आते है, जबानी के खून में
हकों के लिये दहाड़ मारते है
कोई भी शक्तिशाली हो
अपने हक में झुका के मानते है
क्रांती भले हो जाये
इतिहास भी इनका लोहा मानते है
लड़ने और मिटने वालो को लोग
योद्धा भगत सिंह और उनकी शहादत को
सलाम ठोकर अपना आदर्श मानते है
सिर झुकाकर, गुमनामी में खोने वालो को
लोग  यहाँ कायर मानते है
                                                   प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"
  #Past सौ सौ उबाल आते है जबानी के खून में
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