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धन मूल नहीं है, पहचानें। साधन ने मति को मार दिया,

धन मूल नहीं है, पहचानें।

साधन ने मति को मार दिया,
सेजों पर निद्रा वार दिया,
उपकरण अब भेद बताता है,
अब घड़ी रईसी दिखाता है,
सुख का पर्याय भोग हुआ,
सुख का साधन भी रोग हुआ!

पूरा अनुशीर्षक में पढें। सुखवट के फूल नहीं है, पहचानें,
धन मूल नहीं है, पहचानें।

लेकर माया का अँधियारा,
लोचन ने लोभ को ललकारा,
वैभव ही 'धन' है मान लिया!
संचय जीवन है मान लिया!
कैसी विचित्र-सी युक्ति है?
धन मूल नहीं है, पहचानें।

साधन ने मति को मार दिया,
सेजों पर निद्रा वार दिया,
उपकरण अब भेद बताता है,
अब घड़ी रईसी दिखाता है,
सुख का पर्याय भोग हुआ,
सुख का साधन भी रोग हुआ!

पूरा अनुशीर्षक में पढें। सुखवट के फूल नहीं है, पहचानें,
धन मूल नहीं है, पहचानें।

लेकर माया का अँधियारा,
लोचन ने लोभ को ललकारा,
वैभव ही 'धन' है मान लिया!
संचय जीवन है मान लिया!
कैसी विचित्र-सी युक्ति है?