भला क्यों दिल छोटा करता है क्यों कभी उदासी को चहेरे पर भरता है याद है जब कुछ नहीं था पास तेरे कैसी मुस्कुराहट थी, और कैसा अंदाज था सब कुछ बयां तेरे जज्बातों से होता था तू जब रूठे भी तो अलग फसाना होता था. अपने हर सवाल का तू ही तो जवाब होता था.. पूछ खुद से जब तुझमें बस तू ही होता था.. ये धरती,आसमां ,मौसम सब वही तो है देख कलाई मे बंधी उस घड़ी को जिसकी सुइयों का जज्बाती सैलाब वही तो है.. तेरे अपने वहीं हैं ठौर वही है और ठिकाना वही है पलट के देख जिंदगी को और खुद को ढूंढ खुद ही मैं तू कल भी वही था और आज भी वही है #gauravgavi #life #indiafightscorona