White आँखे मूंदने पर जो तुम्हे दिखाई पढ़ रहा है कहीं वो तुम्हारा कोई खोया हुआ ख्वाब न हो वक़्त का बिगड़ेल घोड़ा बिदक कर भटक गया है लगता है घुड़सवार के हाथो से कहीं घोड़े की लगाम छूट न गई हो ©Parasram Arora खोया हुआ ख्वाब