(पक्षियों की चह चहाहट में खोया हुआ एक धुँधला दृश्य...) मुझें याद है तुम्हें लिखना पसंद था... ................................ मैं आज भी उत्सुक रहता हूँ तुम्हारें लिखें हरेक पन्ने को पढ़ने के लिए जिनमें आज भी छिपे हैं कई गूढ़ रहस्य... प्रेम, प्रकृति और ईश्वर के समन्वय में (पक्षियों की चह चहाहट में खोया हुआ एक धुँधला दृश्य...) मुझें याद है तुम्हें लिखना पसंद था पक्षियों की चह-चहाहट में 'बिछोड की चट्टानों में