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ध्वनि कभी कर्णप्रिय लगती हमको कभी है लगती कर्कश कभ

ध्वनि
कभी कर्णप्रिय लगती हमको
कभी है लगती कर्कश
कभी हृदय को पीड़ा देती
कभी लुभाती बसबस

बनकर के संगीत जहाँ को
अपने वश में करती
कभी भयानक बन जाती यह
सारी दुनिया डरती

जिसके मुँह से ध्वनि ना निकले
उसको गूँगा कहते 
बहरा बोले सुन नहीं सकता
मै कानों के रहते

बेखुद ध्वनि जब हद से बढ़ती
बन जाती है शोर
रूप प्रदूषण का  धर लेती
बनती आदमखोर

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #ध्वनि
ध्वनि
कभी कर्णप्रिय लगती हमको
कभी है लगती कर्कश
कभी हृदय को पीड़ा देती
कभी लुभाती बसबस

बनकर के संगीत जहाँ को
अपने वश में करती
कभी भयानक बन जाती यह
सारी दुनिया डरती

जिसके मुँह से ध्वनि ना निकले
उसको गूँगा कहते 
बहरा बोले सुन नहीं सकता
मै कानों के रहते

बेखुद ध्वनि जब हद से बढ़ती
बन जाती है शोर
रूप प्रदूषण का  धर लेती
बनती आदमखोर

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #ध्वनि