सूरज बेताब हो रहा है तुमसे मिलने के लिये पर घबरा रहा है वो पसीना तुम्हारा देख कर आखिर इस भटकन का अंत कब होगा खुश रहना सीखो अपने क़ो ज़िंदा पाकर मुबारक हो खुशियों के हुज़ूम सबको कितने खुश हो रहे है लोग रिश्तो में न्यापन पाकर पल. पल जीने की कोशिश करते रहो वरना मर जायेगी जिंदगी यू घुट घुट कर ©Parasram Arora घुट घुट कर.......