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ऐ फूल मुझे तेरी खूबसूरती से नहीं, मुझे तेरी खिलखिल

ऐ फूल मुझे तेरी खूबसूरती से नहीं,
मुझे तेरी खिलखिलाने से प्यार है।
सूरत से अच्छी सीरत होती है इसलिए 
जब तू मुस्कुराती है तब मेरे दिल में,
नशीली बहार छा जाती है। तू कभी 
किसी के साथ भेदभाव नहीं करती,
तू ही मंदिर में भगवान के चरणों में,
तू ही कोठे पर रूप के नजराने में,
तू ही हाथों में लिपटे गजरों में,   
तू ही देवी माँ के गले में डाले 
मालों में। इतनी नाजुक होकर 
भी काँटों के बीच रहती हो,इसलिए
मेरे दिल में बसा करती हो।

©shashi kala mahto
  #Khilna  R K Mishra " सूर्य " Lalit Saxena Mili Saha poonam atrey डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313)  -hardik Mahajan वंदना .... Aditya kumar prasad Ashtvinayak Suresh Gulia  Rama Goswami Anil Ray Kamlesh Kandpal Suhana parvin Dikesh Kanani (Vvipdikesh)  कवि संतोष बड़कुर Sethi Ji Puja Udeshi heartlessrj1297 narendra bhakuni