तेरे दिल के निकाले हम क्या-क्या नहीं कर बैठे, मोहब्बत तुझसे थी इज़हार हम उनसे कर बैठे, तेरे दिल के निकाले हम क्या गुनाह कर बैठे, तेरे यादों में खोए हुए हम दिन को रात कर बैठे, तेरे दिल के निकाले हम खुदा से हजारों सवाल कर बैठे, और अपनी मोहब्बत को किसी और की हाथों नीलाम कर बैठे।। ©Mauryavanshi Veer #Mauryavanshi #wetogether