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अब हम निकले दार्जीलिंग की मॉल रोड पे । वहां हमेशा

अब हम निकले दार्जीलिंग की मॉल रोड पे । वहां हमेशा की तरह छुट पुट चीज़ें खरीदीं । 
5 बजे से वहां मोमोस का मार्किट / टपरी लगना शुरू होता है । एक से एक मस्त मोमोस और फ़ास्ट फ़ूड । 
हम सबने फिर मोमोस खाये और वहां सीढ़ियों पे बैठ के आराम किया । कहीं लाइव बैंड बज रहा था , कहीं स्क्रीन पे लोकल stories चल रही थीं । Happening जगह थी । 
वहां कहीं भी अदरक की मेरी taste वाली चाय नहीं मिली । 
फिर हमने डिनर किया । 
बहुत ही प्यार रेस्टोरेंट था । अंग्रेजों के ज़माने का । 
फिर हम होटल आये, और मंडली बैठी । 
बात वात की और सो गए ।

©TubeLight Day 2, part 2
अब हम निकले दार्जीलिंग की मॉल रोड पे । वहां हमेशा की तरह छुट पुट चीज़ें खरीदीं । 
5 बजे से वहां मोमोस का मार्किट / टपरी लगना शुरू होता है । एक से एक मस्त मोमोस और फ़ास्ट फ़ूड । 
हम सबने फिर मोमोस खाये और वहां सीढ़ियों पे बैठ के आराम किया । कहीं लाइव बैंड बज रहा था , कहीं स्क्रीन पे लोकल stories चल रही थीं । Happening जगह थी । 
वहां कहीं भी अदरक की मेरी taste वाली चाय नहीं मिली । 
फिर हमने डिनर किया । 
बहुत ही प्यार रेस्टोरेंट था । अंग्रेजों के ज़माने का । 
फिर हम होटल आये, और मंडली बैठी । 
बात वात की और सो गए ।

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