सैयाद ने आज़ादी देने से पहले परिंदो के पर काट दीये अब आसमान न सही वे ज़मीन पर ही रह लेंगे जरूरी नही दोस्ती मे तकल्लुफ का तत्व भी हो शामिल दोस्ती मे तो शिक्वे भी होंगे गाली देने के निषष्ठुर प्रहार भी होंगे जानते है हम आप कभी कभी सच के साथ झूठ भी बोल लेतेहो lखैर आप कुछ भी बोले हम आपकी हर बात मानते रहेंगे तुम करतेरहो पूजा पत्थर के देवताओं की मंदिर मे जाकर हम तो मंदिर की चौखट पर बैठे फकीर क़ो ही खुदा मानलेंगे मेरी बातो क़ो गौर से सुनोगे तो तुम्हे अच्छा सबक सीख सकोगे लेकिन कभी कभी हम आपको कड़वी बात भी कह देंगे. ©Parasram Arora सैयद ने......