मंदिर मस्जिद और चर्च मे जाने वालो मे शायद ही कोई ऐसा हो जिनको ईश्वर उपलब्द हुआ हो हा मनुष्यो को और मनुष्यता को खंडित करने मे इन. तथाकथित धार्मिक मनुष्यो ने अपनी i सहभागिता जरूर निभाई है विश्व मे जितने भी ईश्वर और उनके धर्मवलम्बी लोग है इनके नाम पर इतनी हत्याये इतनी हिंसा के आरोप है.. कि उनका कोई हिसाब ही नहीं है ©Parasram Arora मनुष्य और मनुष्यता