फ़ाड़ कर उन तस्वीरों को जिंदा जला देना तुम दफ़न कर उन यादों को ना आँखों से आँसू बहाना तुम हो सके तो मुझें भी भूलाना तुम (पूर्ण कविता अनुशीर्षक में) बस यूँही मुस्कुराते रहना तुम भूलकर इस बेवफ़ा को अपना ख्याल रखना तुम भूला के सारे ग़म को सदा हसते रहना तुम फ़ाड़ कर उन तस्वीरों को जिंदा जला देना तुम