मातृत्व पाना हर स्त्री की फितरत है नीयति है उसके अभाव मे स्त्री का स्त्रित्व और मातृत्व. अधूरा है किसी स्त्री के कानो मे ज़ब एक नवजात की सुखद किलकारी तरंगित होती है तोवो किलकारी उसके मातृत्व को धन्य कर देती है और वो उपलब्धि उसके स्त्रित्व और मातृत्व कीपात्रता को चरितार्थ करती है जिस प्रकार स्रष्टा सृष्टि की रचना कर या एक कवि अपनी कविता का सृजन करके जिस आनंद को महसूस करता है वैसा ही आनंद उस स्त्री को माँ बनकर उपलब्ध होता है ©Parasram Arora मातृत्व #Teachersday