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मृत बूंद पानी का अब लिखने को कुछ भी लिख दो सुनाने

मृत बूंद पानी का
अब
लिखने को कुछ भी लिख दो
सुनाने को कुछ भी सुना दो।
मेरी जरूरत थी  एक गिलास ....
अब चाहे सारा समंदर पिला दो.!
तब जब
जरा से स्नेह की भूख थी
एक दुलार की दरकार थी
सुना है सूबे में जननायक
की सरकार थी।
तब जब
बेदर्द दुनियां में जी रहा था
में क्या. सागर पी रहा था?
एक बार कहकर तो देखते
जन्म से दबकर जी रहा था
बस अब
 अम्मा बापू को सम्हाल लेना
 ,जिंदा मेरी तुम मिसाल देना।
कि तरस न जाए कोई लाल
कुछ बदलाव का गुलाल लेना।
बस अब
कसूर मत पूछा करो मेरा
मटका था मिट्टी का
ओर मेरी प्यास ने मुझे दलित
बना दिया डाला।।

©Z. Khan
  #इंद्र मेघवाल POOJA UDESHI Mamta Bharti.. poor help plz Riyashaikh Versha Kashyap
manfoolsingh1863

Z. Khan

New Creator

#इंद्र मेघवाल POOJA UDESHI Mamta Bharti.. poor help plz @Riyashaikh Versha Kashyap #समाज

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