Nojoto: Largest Storytelling Platform

पल्लव की डायरी दूर कही हम निकल आये है आस पास धुंध

पल्लव की डायरी
दूर कही हम निकल आये है

आस पास धुंध छोड़ आये है

बचपनो की किलकारी हम

अभाव ग्रस्त कर आये है

पेटो की आग को हम

ज्वलंत समस्याओं में बदल आये है

नाजुक मनो मे रोटी जुटाने के लिये

कांटे की विसात बिछा आये है

बदले की आग मासूम आँखों मे

बागी बनाने का बारूद भर आये है
                                    प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"
  #Childhood बागी बनाने का बारूद भर आये है
#nojotohindi

#Childhood बागी बनाने का बारूद भर आये है #nojotohindi #कविता

2,004 Views