चाहत में अब कितना इम्तिहान कहां तेरे बिन मैं जिंदा रहूं अब मेरे शरीर में वो जान कहां इस धरती पर प्यार और मर्यादा की कोई चिंगारी जलाएं वो कृष्ण और राम कहां तेरे प्यार से भी कोई रंग गहरा हो ऐसा कोई पान कहां मैं तुझे खो कर हंसी से जीयू मिस्टर देव की शान का V तू ही बता तू मुझे खोकर हस्ती रहे ऐसे मेरे प्यार का सम्मान कहां ©Dev singhaniya #चाहत में #इंतिहान कहां