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होली आई होली आई भर -भर पिचकारी खुशियां लाई हेमंत ग

होली आई होली आई
भर -भर पिचकारी खुशियां लाई
हेमंत गया आया बसंत
फूलों से लद गए दिशा दिगन्त ।
केशर की क्यारी महक उठी
टेसू की लाली बहक उठी
फूला बुरांश कचनार कहीं
गेहूं जौ की बाली चहक उठी,
आमो पर बौरें फूट गई
कोयल बगिया में कूक रही
रंग गया फागुन बासन्ती रंग से
गलियां मृदंग संग थिरक रही,
बच्चे रंगों से सराबोर
अबीर गुलाल  से रंगा ओर छोर
भर पिचकारी मस्तों की टोली
होली आई मचा रही शोर ।
याद आती गांवों की माटी की खुशबू
हल्दी,गेहूं,जौ के रंगों से प्यार
 गली मुहल्ले बजती मुरली की धुन 
 घर - घर होता मन भावन सत्कार ।।

©Usha Dravid Bhatt रंगों के पर्व की रंगीन मस्ती

#Holi
होली आई होली आई
भर -भर पिचकारी खुशियां लाई
हेमंत गया आया बसंत
फूलों से लद गए दिशा दिगन्त ।
केशर की क्यारी महक उठी
टेसू की लाली बहक उठी
फूला बुरांश कचनार कहीं
गेहूं जौ की बाली चहक उठी,
आमो पर बौरें फूट गई
कोयल बगिया में कूक रही
रंग गया फागुन बासन्ती रंग से
गलियां मृदंग संग थिरक रही,
बच्चे रंगों से सराबोर
अबीर गुलाल  से रंगा ओर छोर
भर पिचकारी मस्तों की टोली
होली आई मचा रही शोर ।
याद आती गांवों की माटी की खुशबू
हल्दी,गेहूं,जौ के रंगों से प्यार
 गली मुहल्ले बजती मुरली की धुन 
 घर - घर होता मन भावन सत्कार ।।

©Usha Dravid Bhatt रंगों के पर्व की रंगीन मस्ती

#Holi