Nojoto: Largest Storytelling Platform

ढल गया दिन,गई उम्मीद,ये सांसे, अब भी बाक़ी हैं उस

ढल गया दिन,गई उम्मीद,ये सांसे,
अब भी बाक़ी हैं 
उस तरफ हाल ख़बर कुछ नहीं,मालूम है लेकिन
उस की ही खैर ओ ख़बर की,मुझ को चाहत,हालांकि हैं 
ये सबक़ ज़िंदगी भी ठीक से,मुझ को सिखला रही तो हैं 
जुर्रत मुझ में मग़र टिकने की,अभी तक,ज़रा सी हैं 
मुझ को मायूसी के आलम सब 
लगते है अब हमसाए से,थोड़े ये भी मायूस हैं देखो
उदासी मेरी जो देख बैठे हैं,मुझ से माजरत को आए हैं 
ये जो बादल अलग से छाए है,तुम कभी हाथ थाम लेते तो
मुझ को अपना जो मान लेते तो,ज़िंदगी,ज़िंदगी कहा होती
ज़िंदगी,गुल ए शायना होती,अब कहा मुमकिन के किस्मत पलटेगी
मेरी जानिब ज़रा तो बैठेगी,मुझ को इकतरफा रहा है बेशक
तुम को भी होता,तो क्या ग़ज़ब होता,अब भला क्यों कोई तनक़ीद करूं 
तुम असद हो तो फ़िर अदीब करु,मुझ को भी अब गुमा बचा तो नहीं 
नहीं तुम को कोई वफ़ा तो नहीं,ज़िंदगी बस सफ़र है,गुजरेगा
ज़ख्म हासिल है, राएगा तो नहीं,इतना क्यों इंतेज़ाम करना हैं 
किसका अब एहतेराम करना है,मेरी तुम तक रही हैं चाहत सब 
तुम्ही तलक रहेगी, क़यामत तक...

©ashita pandey  बेबाक़ #leafbook  शायरी लव रोमांटिक लव सैड शायरी लव स्टेटस
ढल गया दिन,गई उम्मीद,ये सांसे,
अब भी बाक़ी हैं 
उस तरफ हाल ख़बर कुछ नहीं,मालूम है लेकिन
उस की ही खैर ओ ख़बर की,मुझ को चाहत,हालांकि हैं 
ये सबक़ ज़िंदगी भी ठीक से,मुझ को सिखला रही तो हैं 
जुर्रत मुझ में मग़र टिकने की,अभी तक,ज़रा सी हैं 
मुझ को मायूसी के आलम सब 
लगते है अब हमसाए से,थोड़े ये भी मायूस हैं देखो
उदासी मेरी जो देख बैठे हैं,मुझ से माजरत को आए हैं 
ये जो बादल अलग से छाए है,तुम कभी हाथ थाम लेते तो
मुझ को अपना जो मान लेते तो,ज़िंदगी,ज़िंदगी कहा होती
ज़िंदगी,गुल ए शायना होती,अब कहा मुमकिन के किस्मत पलटेगी
मेरी जानिब ज़रा तो बैठेगी,मुझ को इकतरफा रहा है बेशक
तुम को भी होता,तो क्या ग़ज़ब होता,अब भला क्यों कोई तनक़ीद करूं 
तुम असद हो तो फ़िर अदीब करु,मुझ को भी अब गुमा बचा तो नहीं 
नहीं तुम को कोई वफ़ा तो नहीं,ज़िंदगी बस सफ़र है,गुजरेगा
ज़ख्म हासिल है, राएगा तो नहीं,इतना क्यों इंतेज़ाम करना हैं 
किसका अब एहतेराम करना है,मेरी तुम तक रही हैं चाहत सब 
तुम्ही तलक रहेगी, क़यामत तक...

©ashita pandey  बेबाक़ #leafbook  शायरी लव रोमांटिक लव सैड शायरी लव स्टेटस