Fitrat to hamari bhi Nahi chod ne ki... Jaha hum boj lage vaha rukne ki.. . Do COLLABs Everyone. कभी कभी न चाहते हुए भी कुछ पल की दूरी ज़रूरी होती हैं अपने अपनों की भलाई की ख़ातिर क्योंकि हर वक़्त खुद के बारे में सोचना समझदारी और अच्छाई नही है। "दोस्ती की अदभुत मिसाल बनूँगा मैं जो हर संकट से बचाए तुझे वो ढाल बनूँगा मैं तेरे लिए सह लूँगा हर सितम, तेरी आन, बान और शान बनूँगा मैं तू कभी फिक्र मत करना ऐ दोस्त तुझसे ही तेरी पहचान बनूँगा मैं"