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जिंदगी से गुजारिश हैं कुछ गुजरे पल लौटा दें जो आनं

जिंदगी से गुजारिश हैं
कुछ गुजरे पल लौटा दें
जो आनंद और हर्ष उल्लास
में बीते थे।
ये ना लौटा सको तो 
कुछ पुराने यार लौटा दो।

ये जिंदगी ये तुम
कौन सा दौर दिखला दी।
जहां खुशियां चंद सिक्कों की मोहताज है,
और अपने ही लोग लोभ मोह तृष्णा 
से भरे पड़े हैं।
ऐ जिंदगी तुमसे ये गुजारिश है
वो पुराने गांव लौटा दें।

ये जिंदगी मुझे वो पेड़ 
की छांव लौटा दें।
जहां पेड़ पे झूले की खिलखिलाहट,
छांव में बैठे कुछ बुजुर्ग दिखाई दें।

वो खेत खलिहान,हरे भरे मैदान
नदियों की पगडंडियों पे
चहलकदमी करते कुछ बाल  दिखाई दें
ये जिंदगी तू मेरे कुछ पुराने पल लौटा दें।

©Praveen Kumar #जिंदगी #पुरानेदिन 

#FriendshipDay
जिंदगी से गुजारिश हैं
कुछ गुजरे पल लौटा दें
जो आनंद और हर्ष उल्लास
में बीते थे।
ये ना लौटा सको तो 
कुछ पुराने यार लौटा दो।

ये जिंदगी ये तुम
कौन सा दौर दिखला दी।
जहां खुशियां चंद सिक्कों की मोहताज है,
और अपने ही लोग लोभ मोह तृष्णा 
से भरे पड़े हैं।
ऐ जिंदगी तुमसे ये गुजारिश है
वो पुराने गांव लौटा दें।

ये जिंदगी मुझे वो पेड़ 
की छांव लौटा दें।
जहां पेड़ पे झूले की खिलखिलाहट,
छांव में बैठे कुछ बुजुर्ग दिखाई दें।

वो खेत खलिहान,हरे भरे मैदान
नदियों की पगडंडियों पे
चहलकदमी करते कुछ बाल  दिखाई दें
ये जिंदगी तू मेरे कुछ पुराने पल लौटा दें।

©Praveen Kumar #जिंदगी #पुरानेदिन 

#FriendshipDay