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पल्लव की डायरी जिनकी आँखों से,हमने सपने देखे बजूद

पल्लव की डायरी
जिनकी आँखों से,हमने सपने देखे
बजूद अपना उनमें पाया है
मेरी कोरी काया में
 संस्कारों का फूल खिलाया है
मेरी खातिर ही माता पिता ने
अपना सारा जीवन मेरे इर्दगिर्द खपाया है
                                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"
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